शनिवार, 19 जनवरी 2013

शहीद की मज़ार से

चित्र गूगल से साभार 

हेमराज,सुधाकर की मज़ार से ,आ रही पुकार रे
नव जवान !  नव जवान  !!  नव जवान !!!   जाग रे!!!!

देख ले, एल ओ सी पर खड़े हैं धोखेबाज शत्रु अनेक 
सिखा दे पढ़ा उनको ,  धोखेबाज  को उचित सबक
बिन बुलाये अतिथि ये तेरे घर आये हैं,       
स्वागत करना धर्म तेरा ,पुरानों की रीति  है,
स्वागत सज्जा कर ले तू ,रायफल ,मशीनगन ,तोप से
पुकार रही सदैव तुझे ,मेन्धर -लद्दाख की घाटी रे
नव जवान !  नव जवान  !!  नव जवान !!!   जाग रे!!!!

जागो और जागकर बचाओ  अपनी माँ की लाज को
समय आया है वही , तुम्हे इन्तेजार था  जिसका
उठो अर्जुन एकबार फिर गांडीव को संभल लो
अहँकारी दू:शासन फिर ललकारा ,भीम गदा उठा लो
ऐ नकुल ! समझो तुम अब शकुनि की चाल को
कर ना पाए बध  अब कोई, वीर अभिमन्यु को 
ये पुकार है माताओं की औरपुकार है बहनों की रे
नव जवान !  नव जवान  !!  नव जवान !!!   जाग रे!!!!

देश -देश में सिखाओ , देश भक्ति का पाठ तुम
सिखाओ बल एकता  का ,ऐ साहसी निडर तुम!
 दिखा दे अपनी शौर्य दुनियां की रणस्थल में
 समझा दे ,दूर कर दे भ्रान्ति ,शत्रुओं के दिलों से
 हम नहीं कायर ,वीर चूड़ामणि है, शिष्य द्रोणाचार्य के
प्रेम करते हैं, स्नेह करते हैं सबसे ,ये हमारे धर्म की पुकार रे   
नव जवान !  नव जवान  !!  नव जवान !!!   जाग रे!!!!

शहीदों की औलाद हो तुम ,उनकी वीरता का प्रतीक हो तुम
हँसते हँसते खेले जिन्होंने आग से , फल मिला है आज़ाद हो तुम 
अब अगर रक्षा न कर पाए उसकी ,न कर पाए देश कल्याण तुम
तो धिक्-धिक् तुम्हे ,क्यों  झूठे नौ जवान कहलाते हो तुम ?
ये पुकार है देश की, और पुकार है उस माँ की रे
जिनकी किरीट हिमालय है,चरण धो रही है महासागर की लहरें
नव जवान !  नव जवान  !!  नव जवान !!!   जाग रे!!!!



रचना : कालीपद "प्रसाद "
©सर्वाधिकार सुरक्षित





शुक्रवार, 11 जनवरी 2013

दो शहीद




चित्र गूगल से साभार



"दो जवान
सरहद पर शहीद हुए हैं" ,
मंत्री जी देश को बता रहे हैं,
"सुनो, सुनो, सुनो ,
हमने कड़े शब्दों में
अपना विरोध जताया है।
"पाक" के   राजदूत को बुलाकर
बताया है ---
तुम्हारे सैनिक युद्ध विराम का
उल्लंघन किया है।
हमेशा तुम ऐसा करते आये हो
हमारे सैनिको को मारते आये हो
लेकिन हमने हमेशा नजर अंदाज किया ,
फिर से क्यों किया ?
अबकी बार तो बर्बरता का काम किया
एक सैनिक का सर तुमने काट लिया 
यह अच्छा नहीं किया।
लिखकर कारण बताओ, ऐसा क्यों किया ?
आशा है आगे ऐसा नहीं करोगे और
लिखकर जवाब भेज दोंगे ।"

मंत्री जी का भाषण समाप्त हुआ
आश्वासन की  पोटली  खुली और
वादा शुरू हुआ।

"हेमराज और सुधाकर थे
बहादुर और इमानदार ,
थे दिलेर सैनिक बेमिसाल।
देश की रक्षा में हुए  न्योछावर
इनके बीबी बच्चो का हम रखेंगे ख्याल।
इनको घर देंगे , शिक्षा देंगे ,नौकरी भी देंगे,
हर हाल में हम उनकी करेंगे देखभाल।
तभी एक पत्रकार ने कहा --
"मंत्री जी! ऐसा ही कुछ आपने
कारगिल के शहीदों के परिवार को कहा था,
कुछ याद आया ?
वे सब फ़ाइले अभी भी आपके
मेज पर धुल चाट रही है और
परिवार वाले दफ्तर के
चक्कर काट रहे हैं।"




चित्र गूगल से साभार 

"देखिये उन नन्हे मासूमों को
सुनी सुनी ,छलकती आँखों से
तक रहे है बिलखती माँ को ,
शायद समझ नहीं पा रहे हैं
कि माँ क्यों रो रही है।
नहीं पता उन्हें कि
हमेशा के लिए वे खो दिया है पिता को।"

"क्या मासूमो से किया वादा
आपकी राजनीति है या छलना ?"

जो मिलना है उन्हें  देश से
वह नहीं है आपका कृपादान ,
सैनिक लड़ते हैं सरहद पर
लेकर हथेली पर जान,
उनके बच्चों का है यह हक़
अच्छी शिक्षा ,अच्छा जीवन और सम्मान।
अगर कुछ करना चाहते हो
तो नन्हे मुन्नों से किया वादा
अबिलम्ब पूरा कर दो ।
बूढ़े माँ बाप का सहारा छीन गया
उन्हें जीने का सहारा दे दो।
मुखौटा तुम उतार फेंको
कायरों का हाथ काट कर फेंको
युद्ध के लिए ललकारो उन्हें , समझाओ
वीरों का युद्ध कैसा होता है  ???
आमने सामने की लड़ाई में , बताओ उन्हें
हिंदुस्तानी एक  सर की कीमत कितनी होती है???
चोरो की भांति आये और चोरों की भांति गए
अँधेरा, कुहरा  का फायदा उठा कर
लोमड़ी की तरह भागे ,
उनसे हाथ मिलाने में आपको
शर्म हो न हो , या
कोई कुछ बोले न बोले
शर्म होगी हर हिंदुस्तानी  को।
श्रद्धांजलि 

बहादुर शहीदों को सलाम !!!


 कालीपद " प्रसाद  "
©सर्वाधिकार सुरक्षित